मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ठनी हुई है. इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सरकार गठन को लेकर बड़ा एलान किया है. शरद पवार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि बीजेपी और शिवसेना राज्य में सरकार बनाएं. हमें जनता ने विपक्ष में बैठने के लिए चुना है और हम विपक्ष में ही बैठेंगे. शरद पवार का ये बयान शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत से मुलाकात के बाद आया है.
5 साल से साथ हैं बीजेपी-शिवसेना
शरद पवार ने कहा है, ‘’मेरे पास अभी तक कहने के लिए कुछ भी नहीं है. महाराष्ट्र की जनता से बीजेपी और शिवसेना को बहुमत दिया है. इसलिए उन्हें जल्द से जल्द सरकार बनानी चाहिए. हमारा जनादेश विपक्ष की भूमिका निभाना है.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘’एनसीपी-शिवसेना का सरकार बनाने का सवाल कहां है? बीजेपी-शिवसेना 25 साल से साथ हैं. वह आज या कल फिर से एक साथ मिलकर सरकार बनाएंगे.’’
पवार ने आगे कहा है, ”मैं चार बार मुख्यमंत्री रह चुका हूं, अब फिर से मुख्यमंत्री बनने के लिए मुझे ज्यादा बेसब्री नहीं है.” साथ ही उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र पर कांग्रेस ने क्या फैसला लिया है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है.
बता दें कि आज सुबह संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा, ”वो (शरद पवार) राज्य और महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता हैं. वे महाराष्ट्र की आज की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हमारे बीच संक्षिप्त बातचीत हुई है.” शरद पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिलने गए थे.
फिफ्टी-फिफ्टी के फॉर्मूले पर अड़ी शिवसेना
दरअसल चुनाव नतीजे आने के बाद से शिवसेना फिफ्टी-फिफ्टी के फॉर्मूले की रट लगाई हुई है. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी से 50-50 के प्रस्ताव पर ही बात होगी, इसके अलावा किसी पर नहीं. आज सुबह मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा, ”बीजेपी और शिवसेना के बीच शुरुआत से एक लाइन का ही प्रस्ताव तय था. चुनाव से पहले गठबंधन की जब चर्चा हो रही थी तब यही हुआ था. उस वक्त जो बात तय हुआ था वो यही प्रस्ताव है. इसलिए नया प्रस्ताव लाने में टाइम क्यों खराब करना. जो पहले तय हुआ था उसी पर आगे बढ़ेंगे.”
चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा 24 अक्टूबर को की गई थी और तब से सरकार गठन को लेकर अभी तक संशय की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को लेकर खींचतान चल रही है. राज्य विधानसभा की 288 सीटों में से बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली हैं. बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत हासिल की है.